۸ مهر ۱۴۰۳ |۲۵ ربیع‌الاول ۱۴۴۶ | Sep 29, 2024
दिन की हदीस

हौज़ा  /इमाम रज़ा अलैहिस्सलाम ने अपनी एक रिवायत में अपनी क़ब्र की ज़ियारत का सवाब बयान किया है।

होज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार, निम्नलिखित हदीस "ओयुन अख़बार अल-रज़ा (अ)" पुस्तक से ली गई है। इस रिवायत का पाठ इस प्रकार है:

قال الامام الرضا علیه السلام:

اِنَّ زُوّارَ قَبْرى لَأَكْرَمُ الْوُفُودِ عَلَى اللّه ِيَوْمَ الْقِيامَةِ، وَ ما مِنْ مُؤْمِنٍ يَزُورُنى فَيُصيبُ وَجْهَهُ مِنَ الْماءِ اِلاّ حَرَّمَ اللّهُ تَعالى جَسَدَهُ عَلَى النـّارِ

हज़रत इमाम अली बिन मूसा अल-रज़ा (अ) ने फ़रमाया:

कयामत के दिन मिरी की कब्र के जाएरीन सबसे सम्मानित समूह होंगे, जो भगवान का सामना करेंगे, और कोई आस्तिक नहीं है जो यात्रा करने जाएगा, और जो ज़ियारत को जाएगा, जो उसके चेहरे से पानी की एक बूंद गिरे (अर्थात पसीने की एक बूंद गिरे) , सिवाय इसके कि अल्लाह तआला उसके शरीर को नरक की आग पर वर्जित कर देगा।

ओयून अख़बार अल-रज़ा, (अ), भाग  2, पेज 248

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